कौन है वह?
चतुर-चंचल चाँदनी से
पूछ अपनी राह
पवन पागल आज आधी रात
ढूंढता सा है किसी को
वारि में
वन में
पुलिन पर
व्योम में भी
कौन है वह
कर रहा
चुपचाप
प्रिय से घात???
(हिन्दुस्तान में प्रकाशित)
वीरेन्द्र वत्स
पूछ अपनी राह
पवन पागल आज आधी रात
ढूंढता सा है किसी को
वारि में
वन में
पुलिन पर
व्योम में भी
कौन है वह
कर रहा
चुपचाप
प्रिय से घात???
(हिन्दुस्तान में प्रकाशित)
वीरेन्द्र वत्स
टिप्पणियाँ
कौन है वह
कर रहा
चुपचाप
प्रिय से घात???
BAHUT HI ACHCI PANKTIYAN........
KAVITA ACHCHI LAGI.......
hINDUSTAN MEIN PRAKAASHIT HONE KE LIYE DHERON BADHAI APKO........
निश्िचत ही वत्स ही आप तो जानते ही हैं, इसलिए उस पर कविता कर रहे हैं।
बहुत ही सुन्दर रचना , पढ़कर अच्छा लगा ।