वो लाख झूठ कहें उनका एतबार करें
हम उनसे प्यार करें उनका इंतज़ार करें,
मगर वो जब भी मिलें हमको बेकरार करें.
समझ सके न उन्हें दोस्त हैं कि दुश्मन हैं,
चला के तीरे-नज़र दिल के आर-पार करें.
ये इश्क है कि नए दौर की सियासत है,
गले लगा के हमें वो जिगर पे वार करें.
अजीब शर्त यहाँ आशिकी निभाने की-
वो लाख झूठ कहें उनका एतबार करें.
हमें भी फूल चढायेंगे उनका वादा है,
अगर हम उनके लिए जिस्मो-जाँ निसार करें.
वीरेन्द्र वत्स
मगर वो जब भी मिलें हमको बेकरार करें.
समझ सके न उन्हें दोस्त हैं कि दुश्मन हैं,
चला के तीरे-नज़र दिल के आर-पार करें.
ये इश्क है कि नए दौर की सियासत है,
गले लगा के हमें वो जिगर पे वार करें.
अजीब शर्त यहाँ आशिकी निभाने की-
वो लाख झूठ कहें उनका एतबार करें.
हमें भी फूल चढायेंगे उनका वादा है,
अगर हम उनके लिए जिस्मो-जाँ निसार करें.
वीरेन्द्र वत्स
टिप्पणियाँ
गले लगा के हमें वो जिगर पे वार करें.
बहुत खूब । दीपावली की शुभकामनायें
aapko deepawali ki haardik shubhkaamnayen..........
ह ह हा।
दीपपर्व की अशेष शुभकामनाएँ।
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आइए हम पर्यावरण और ब्लॉगिंग को भी सुरक्षित बनाएं।
अभिनन्दन !
आपको और आपके परिवारजन को
दीपोत्सव की हार्दिक बधाइयां
एवं मंगल कामनायें.......
सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल ’समीर’
वो लाख झूठ कहें उनका एतबार करें.
हमें भी फूल चढायेंगे उनका वादा है,
अगर हम उनके लिए जिस्मो-जाँ निसार करें.
sunder bhav abhivyakti ....!!
मगर वो जब भी मिलें हमको बेकरार करें.
...bahut acchi pankti....
... khoob likha dil choo liya.
वो लाख झूठ कहें उनका एतबार करें.
...waah bhai waah.