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नया वर्ष नई मंजिलें

चलें आप सूरज के रथ पर बनें उजाले के प्रतिमान; घर-आँगन खुशियों से भर दे नए वर्ष का स्वर्ण विहान. नए साल में नई मंजिलें कदम आपके चूमें, भाग्य-लक्ष्मी की बाहों में आप खुशी से झूमें. -वीरेन्द्र वत्स